
आजकल देश मे प्रचंड बेरोजगारी,रोजगार न होनेके कारण,आवक न होने से घर परिवार चलाना हूवा मुश्किल। साथ बच्चों को पढाणा हैसियत के बाहर हुवा।क्या सरकार जनता को मुलभुत, सूविधा के साथ,साथ महागाई के तरफ कब ध्यान देगी।? परिस्थितींया इतनी बदल गयी है की।आजकल सुशिक्षित बेरोजगार आत्महत्या करने के कगार पर है। हमारे किसान पहले से ही परेशान है।शिक्षा के निजीकरण की वजह से शिक्षा ग्रहण करणा हुवा मुश्किल। गरिब टपके के,तथा मध्यमवर्गीय पर खालीपेट रहने की आ रही है नौबत। सरकारी नितीया कागज पर न रहते हूवे,जमिन पर कब लागु होगी। ? महंगाई,नफाखोरी,जमाखोरी पर कब होगा प्रहार? सरकारी नौकरीया मिलनेसे रही,क्या बँक अपनी जवाबदारी निभायेंगी। ? आजकल फिनांस बँक लोगोकों 35%व्याज तक आकारकर लुट रही है क्या हमारी रिझर्व बँक ध्यान देगी। ? यह देख सून कर जनता परेशान होकर सरकार के प्रती नाराजी व्यक्त कर रही है। क्या ईस कठिनाई से जनता को सरकार कब निकालेगी। ?